Friday, February 17, 2006

जिन्दगी

जिन्दगी बहुत से इम्तहान लेती हे,
कई बार बिल्कुल तोड देती हे,
सभी ख्वाइशें पल में बिखर जाती हें,
सभी चाह्तें दिल मे दबी रह जाती हें,
कुछ ना कर पाऐं ऐसे उलझ जातें हें,
हम इन्सान तो कुछ ना कर पातें हें,
खुद पर यकीं करना और लड्ते रहना,
हम इन्सानो का यहि तो हे काम,
हिम्मत ओर धेर्य बनाते हें इस अदने से जीवन को महान,
इम्तहान तो जीवन के साथ लगे हि रहेंगे,
बिना इनके जीवन क कोइ मतलब भी नहीं रह जाएगा,
हर इम्तहान मुस्कराकर देना हे,
हर समय कुछ नया करने कि सोचना हे,
हो जाए तो ठीक वरना फ़िर एक नई तम्मना,
ये तम्मनाऎं ही तो जीवन तो नया रूप देगी,
एक अलग पह्चान इस जीवन कि छोड देगी,

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