Thursday, December 25, 2008

हर दिन नई बात, हर शाम नए ख्यालात,

हर दिन नई बात, हर शाम नए ख्यालात, फिर एक नई रात और फिर एक नया सपना...............हर रात एक नया सपनाहर दिन नई बात, हर शाम नए ख्यालात, फिर एक नई रात और फिर एक नया सपना...............हर रात एक नया सपना

2 comments:

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर ....पर सपने को सपने ही न रहने दें...पूरे करने के लिए कोशिश भी होनी चाहिए।

Sachin Jain said...

koshishein jaaro hain........dhanywaad