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टूटकर जो गिरा आसमां से कभी,
ऎसा तारा ना बनना मुझको कभी,
उस तारे को क्युं कोइ सितारा
कहेगा,
जो टूटकर आसमां से गिरेगा,
सूरज की तरह जो जगमग सदा रहेगा,
उस तारे को ही सब सितारा कहेगें,
एक ऎसा हि सितारा बनना हे मुझे
भी,
किसी तारे की तरह ना टूटकर
गिरना है कभी,
चमक होगी मेरी भी सूरज की तरह
कभी ,
कईं चाँद मैं अपनी रोशनी से
चमकाऊगां,
ना अपनी चमक पर कभी ईतराउगां,
उस चमक से मिलेगा सभी का प्यार
मुझे,
होगा कुछ वजूद अपना दुनिया से
अलग,
छोडूगां कुछ नाम दquot;र पह्चान भी,
टूटकर जो गिरा आसमां से कभी,
ऎसा तारा ना बनना मुझको कभी,
सचिन जैन
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