Wednesday, December 31, 2008

नया साल है लेकिन अपना वही हाल है.....

नया साल है लेकिन अपना वही हाल है,

नए सपने का फिर बुना जंजाल है, पुरानो सपनो का भी भंडार है,
नया साल है लेकिन अपना वही हाल है....

सरकारों की वही चाल है, सबकी अपनी रोटी दाल है,
नया साल है लेकिन अपना वही हाल है,

महंगाई की वही मार है, ना सबको यहाँ अब रोज़गार है,
नया साल है लेकिन अपना वही हाल है,

जोश का भी कहाँ सवाल है, भय का चारो और हाल है,
नया साल है लेकिन अपना वही हाल है,

ओबामा का हर जगह नाम है और जूतों का भी नया आयाम है,
नया साल है लेकिन अपना वही हाल है,

दिल अब भी बेकरार है, शहनाई का इंतज़ार है,
नया साल है लेकिन अपना वही हाल है,

करने अभी बहुत काम है, आराम का न नामोनिशान है,
नया साल है लेकिन अपना वही हाल है,

कलम की भी शान बढ़ानी है, लोगो को कविताएँ पढ़वानी है,
नया साल है लेकिन अपना वही हाल है.......

SACHIN JAIN

Thursday, December 25, 2008

हर दिन नई बात, हर शाम नए ख्यालात,

हर दिन नई बात, हर शाम नए ख्यालात, फिर एक नई रात और फिर एक नया सपना...............हर रात एक नया सपनाहर दिन नई बात, हर शाम नए ख्यालात, फिर एक नई रात और फिर एक नया सपना...............हर रात एक नया सपना