Saturday, September 15, 2007

अनुभव जिन्दगी की बारीकियों का,...


अनुभव जिन्दगी की बारीकियों का,
अक्सर परेशानियों में हुआ करता है,
जैसे बचपन के दिनो का मजा,
नादानियों में हुआ करता है,

परेशानियों में जब अपनो की जरूरत आती है,
अक्सर आजमाईश हो ही जाया करती है,
इस दौर में कई बार ऎसा होता है,
कि गलतफ़हमियां टूट जाया करती है,

समय भी अक्सर अपने गुल दिखाता है,
कभी मजमा लगाता है, कभी मातम सुनाता है,
रास्ते बदलकर लोग जिन गलियों से निकले थे कभी,
अब वो उन गलियों से बचने को वे अपने रास्ते बदलते हैं

पूरा सा लगता ख्वाब जब टूट जाता है,
अक्सर नींद आँखो से उडं जााती है,
हंसने का बहाना मिल जाता है दुनिया को,
मुसकराकर कोई जब अपने गम छिपाता है,

जब दिमाग झटक देता है दिल की बातो को,
अक्सर दिल में कई सवाल उठ जाया करते हैं,
जब जिन्दगी टूट कर बिखर सी जाती है,
अक्सर जज्बात सिमट ही जाया करते हैं.....


सचिन जैन