आसान होता है अक्सर शब्दों में उलझा देना,
शब्दों से अपने को बढ-चदकर दिखला जाना,
शब्दों की अहमयि़त को ना हर कोई समझ पाता,
खुद को समझाने को वो एक जंजाल सा बुनता जाता,
लिखने-बोलने को तो कुछ भी कहा जा सकता है,
सही मायनो में शब्द का अर्थ जीवन में अपनाकर आता........
SACHIN JAIN
6 comments:
सचिनजी बहुत सटीक अभिव्यक्ति है क्यों कि हर आदमी अपने अंदर कई कई चेहरे छुपाये है जो शब्दों मे होता है वो बाहर का अधिक और अंदर का अलग होता है आभार और जब कई चेहरे एक ही शब्द मे आ जाते हैं तो उलझन हो ही जाती है आभार्
कम शब्दों में बहुत बड़ा भाव प्रभावित कर रहा है..शब्दों में उलझाने वाले शायद स्वयं भी जीवन की उलझनों में उलझे होते हैं...
सही मायनो में शब्द का अर्थ जीवन में अपनाकर आता........
वाह सचिन जी। जीवन को सार्थकता इसी में है शब्द जाल में नहीं।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
woeds ae more tender than any other thing in this world & also more powerful.......and as u said...is vry true then,......a striking post...
well said Sir.....
really very appreciating..:) :)
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