बहार आएंगी मेरे जीवन में एक बार ,
ये दिल भी कभी बेकरार होगा ,
निगाह देख रही हे कबसे रास्ता ,
खत्म एक दिन इनका इन्तेजार होगा ,
गुल एक दिन खुलकर मुस्कराएँगे,
फिजा में समाया इंतना प्यार होगा,
होठ चाहकर भी कुछ ना बोल पाएँगे,
बस आँखों ही आँखों में बैटन का दौर होगा
सचिन जैन
No comments:
Post a Comment