मुझको कहाँ ढूंढे रे बन्दे, मैं तो तेरे पास में
ना तीरथ में ना मूरत में, ना एकांत निवास में,
ना मंदिर में ना मस्जिद में, ना काबे कैलाश में,
में तो तेरे पास में बन्दे, में तो तेरे पास में,
बन्दा रे बन्दा रे..............
खोजी होए तुंरत मिल जाऊं, इक पल की तलाश में,
कहेत कबीर सुनो भाई साधो, मैं तो हूँ विश्वास में,
ओ बन्दा रे मैं तो तेरे पास में …
ना मैं जप में ना मैं टाप में, ना व्रत उपवास में,
ना मैं किर्या-कर्म में रहता, नाही जोग सन्यास में,
नाही प्राण में नहीं पिंड में,ना ब्रह्माण्ड आकाश में,
ना मैं प्रकृति प्रवर गुफा में, नाहीं स्वसन की साँस में,
बन्दा रे बन्दा रे
खोजी होए तुंरत मिल जाऊं, इक पल की तलाश में,
कहेत कबीर सुनो भाई साधो, मैं तो हूँ विश्वास में,
ओ बन्दा रे, मैं तो तेरे पास में .........
Though I do not like to post anything which I have not written...............but I can not resist myself of posting these lines.......these are the part of a song in a movie Raaz-The Mystery Continues............I always want to write something of that sort......so posting these...........
1 comment:
भक्तिभाव में डूब गये भजन पढ़कर. आभार इसे प्रसतुत करने का.
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