Friday, October 05, 2007

मेरी जिंदगी में क्यूँ ऐसा लिखा है, जिसे देखो मेरे पीछे पड़ा है ,

मेरी जिंदगी में क्यूँ ऐसा लिखा है, जिसे देखो मेरे पीछे पड़ा है ,
हर आदमी देख कर है मुझे हैरान, और वो करना चाहता है मुझे परेशान ,
मैंने शायद कभी नहीं किया गलत काम, पता नहीं लोग फिर भी क्यूँ है परेशान ,
शायद उनको सच्चाई पसंद नहीं आती, या मेरी आदत उनको नहीं भाती,
कुछ तो है जो लोग इतना जलते हैं, ना जाने क्यूँ घूरकर निकलते है,
मैंने कभी किसी का बुरा नहीं किया, ना किसी का कभी दिल दुखाया,
पर ऐसा क्यूँ है मेरे साथ, आज तक मुझे समझ नही आया,
पता नहीं क्या हुई खता मुझसे, जो उप्पेर वाला रूठ गया मुझसे,
ना जाने उस्सने क्यूँ लिखा,
जो ये चाहे वो ना हो पाए, जो ना चाहे वो हो जाए,
ऐसी हो तकदीर मेरी, मैं जिंदगी भर समझ ना पाऊं

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